Indian Youth With Technology: टेक्नोलॉजी ने बढ़ाई मुश्किलें, परिवार से ज्यादा स्मार्टफोन को समय दे रहे युवा, जानिए पूरी अपडेट


Indian Youth With Technology:  माना जाता है कि टेक्नोलॉजी किसी भी देश के विकास का प्रतीक होती है, जिस देश में अधिक टेक्नोलॉजी होती है वह देश विकसित देशों की श्रेणी में आता है। परंतु आज वर्तमान में  युवाओं पर टेक्नोलॉजी का प्रभाव पड़ रहा है, वह काफी चिंतनीय हो गया है। युवा अब पूरी तरह टेक्नोलॉजी पर ही निर्भर हो गए हैं। तकनीक के क्षेत्र में भारत ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। परंतु देश दुनिया में बढ़ती इस तकनीक में भारतीय युवाओं में भी अब अपना गहरा प्रभाव छोड़ा है। वर्तमान में स्मार्टफोन युवाओं की जरूरत नहीं बल्कि आदत बन गए हैं। युवाओं पर इसका इतना गहरा प्रभाव पड़ा है कि युवा बिना स्मार्टफोन के दिन के कुछ घंटे भी व्यतीत नहीं कर सकते। इस बढ़ते प्रभाव को देखते हुए किंग्स कॉलेज लंदन द्वारा एक शोध किया गया है। इस शोध में सामने आई जानकारी हैरान करने वाली है। 

लोगों की नींद खराब कर रहा स्मार्टफोन (smartphone spoiling people's sleep) -

स्मार्टफोन का इस्तेमाल वर्तमान में लिमिट से अधिक बढ़ गया है। किंग्स कॉलेज लंदन द्वारा किए गए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 1,043 लोगों को शामिल किया। इस अध्ययन में 18 से 30 वर्ष के बीच के युवाओं को शामिल किया गया। इस शोध के द्वारा यह सामने आया कि स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल दो तिहाई से अधिक लोगों की नींद पर गहरा प्रभाव डाल रहा है। इस कारण युवाओं के अंदर चिड़चिड़ापन, गुस्सा और थकान जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। वर्तमान में स्मार्टफोन की लत ने युवाओं के अंदर की सहनशीलता को भी पूरी तरह खत्म कर दिया है।  

परिवार को समय न देने से परेशान अभिभावक (Parents worried about not giving time to family) -

भारतीय युवा वर्तमान में तकनीक इस दुनिया में स्मार्टफोन में इतने व्यस्त हो गए हैं, कि न युवाओं को खाने की परवाह है और न ही अपने स्वास्थ्य की। अभिभावकों की लगातार अपने बच्चों की लेकर यह समस्याएं सामने आ रही हैं कि बच्चे परिवार से ज्यादा स्मार्टफोन को समय दे रहे हैं। अभिभावक कहते हैं कि स्मार्टफोन के चक्कर में अब हमारे बच्चे हमसे बात करने का समय भी नहीं निकाल पाते हैं। युवा सोशल मीडिया ऐप्स चाहे वह व्हाट्सएप हो, इंस्टाग्राम हो या फिर फेसबुक इन सभी एप्स का लिमिट से अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। इस कारण युवा अपने परिवार को भी समय नहीं दे पा रहे हैं। 

10 घंटे ऑनलाइन रहकर डिप्रेशन में जा रहे युवा (Youth going into depression by staying online for 10 hours) -

लगातार मोबाइल का इस्तेमाल युवाओं में स्मार्टफोन की लत के साथ साथ उन्हें डिप्रेशन में भी डाल रहा है। इस कारण आत्महत्या करने वाले कई मामले भी सामने आए हैं। सैपियन लैब्स की एक रिपोर्ट की मानें तो उनके अनुसार स्मार्टफोन के अधिक इस्तेमाल 18-24 आयु वर्ग के युवा वयस्कों के मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट हो रही है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार युवा 7 से 10 घंटे तक ऑनलाइन रहकर समय व्यतीत करते हैं, जिस कारण वह डिप्रेशन का भी शिकार हो रहे हैं। युवाओं के व्यवहार में परिवर्तन और गुस्से का मुख्य कारण भी स्मार्टफोन की युवाओं को लत ही है। 

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